-
अनथाइ मुर्ति
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.40207 | Lang: NA
-
कालनेमीचीं मुर्ति
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.40207 | Lang: NA
-
अन्थाइ मुर्ति
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.40207 | Lang: NA
-
बुध्द मुर्ति
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.40207 | Lang: NA
-
मुर्ति
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.40207 | Lang: NA
-
मुर्ति फुजिग्रा
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.40207 | Lang: NA
-
मोदाइनि मुर्ति
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.40207 | Lang: NA
-
धातुनि मुर्ति
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.40207 | Lang: NA
-
idolater
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.5257763 | Lang: NA
-
idoliser
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.5257763 | Lang: NA
-
idolizer
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.5257763 | Lang: NA
-
idol worshiper
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.5257763 | Lang: NA
-
graven image
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.4381469 | Lang: NA
-
idol
Meanings: 14; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.4381469 | Lang: NA
-
statue
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.3505175 | Lang: NA
-
god
Meanings: 14; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.3067029 | Lang: NA
-
पालखीची सेवा
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.1140427 | Lang: NA
-
कचोळी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.09775092 | Lang: NA
-
संगीत सौभद्र - अति कोपयुक्त होय परी सुखव...
’संगीत सौभद्र’ नाटकाची गोडी अवीट असल्यानेच हे नाटक १२० वर्षे प्रयोगरुपाने मराठी रंगभूमीवर अखंड गाजत आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.03258364 | Lang: NA
-
भजन - रूप एक नाम तुझी रे अनंत ।...
भजन - A bhajan or kirtan is a Hindu devotional song , often of ancient origin. Great importance is attributed to the singing of bhajans with Bhakti , i.e. loving devotion. "Rasanam Lakshanam Bhajanam" means the act by which we feel more closer to our inner self or God, is a bhajan. Acts which are done for the God is called bhajan.
Type: PAGE | Rank: 0.03258364 | Lang: NA
-
अखाफोर)
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03258364 | Lang: NA
-
कपची
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03258364 | Lang: NA
-
काश्मिरी
Meanings: 11; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.02443773 | Lang: NA
-
कपचा
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.02443773 | Lang: NA
-
कोरणी
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.02443773 | Lang: NA
-
श्रीज्ञानदेवतेहत्तिशी - अभंग १५
"श्रीज्ञानदेवतेहत्तिशी" या पुस्तकात श्रीज्ञानेश्वरांनी तेहतीस अभंगांतून जगाला अध्यात्मज्ञान दिले.
Type: PAGE | Rank: 0.02036477 | Lang: NA
-
काश्मीरी
Meanings: 11; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.02036477 | Lang: NA
-
धर्मसिंधु - पुनः प्रतिष्ठा
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे.
This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
Type: PAGE | Rank: 0.01629182 | Lang: NA
-
धर्मसिंधु - हन्त्यर्थहिनाकर्ता
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे.
This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
Type: PAGE | Rank: 0.01629182 | Lang: NA
-
जय मृत्युंजय - अष्टभुजा देवीची मूर्ती सु...
गोपाळ गोडसे कवींनी मोठ्या बेहोष जिव्हाळ्याने आणि उन्मादक रसिकतेने `जय मृत्युंजय’ या कवितासंग्रहात स्वातंत्र्यवीर सावरकरांचे वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01629182 | Lang: NA
-
कोरणें
Meanings: 8; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.01629182 | Lang: NA
-
निरंजन माधव - श्रीमहालक्ष्मीस्तोत्र
निरंजन माधवांच्या कवितेत काव्यस्फूर्ति उच्च दर्ज्याची असून भाषेत सरळपणा व प्रसाद सोज्वळ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01425534 | Lang: NA
-
पंचमः स्कन्धः - अथ सप्तदशोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
Type: PAGE | Rank: 0.01425534 | Lang: NA
-
अभंग ६१ ते ७०
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.01221886 | Lang: NA
-
निरंजन माधव - यशवर्णन
निरंजन माधवांच्या कवितेत काव्यस्फूर्ति उच्च दर्ज्याची असून भाषेत सरळपणा व प्रसाद सोज्वळ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01221886 | Lang: NA
-
चतुर्थः स्कन्धः - अथ सप्तदशोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
Type: PAGE | Rank: 0.01221886 | Lang: NA
-
विठ्ठलमाहात्म्य - अभंग ४८० ते ४९०
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
Type: PAGE | Rank: 0.01221886 | Lang: NA
-
अभंग - ६१ ते ७०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
Type: PAGE | Rank: 0.01221886 | Lang: NA
-
विठ्ठलमाहात्म्य - अभंग ५५१ ते ५६०
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
Type: PAGE | Rank: 0.01221886 | Lang: NA
-
विठ्ठलमाहात्म्य - अभंग ६११ ते ६२०
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
Type: PAGE | Rank: 0.01221886 | Lang: NA
-
मूर्ति
Meanings: 40; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.01221886 | Lang: NA
-
उद्धवहंसाख्यान - पंचवटींत हरिकीर्तन
श्रीमत्सद्गुरूहंसराजस्वामींची शिकवण म्हणजे मोक्षरूपी ध्येय गाठण्याकरितां श्रुति , युक्ति व अनुभूति यांच्या आधाराने साधकांच्या सोयीकरितां तयार करून दिलेली ज्ञानयोगाची सोपानपरंपराच आहे .
Type: PAGE | Rank: 0.01018239 | Lang: NA
-
श्रीकृष्ण - उद्धव प्रश्न - अभंग २२६५ ते २२७५
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
Type: PAGE | Rank: 0.01018239 | Lang: NA
-
अभंग १३१ ते १३९
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.01018239 | Lang: NA
-
अभंग - १३१ ते १३९
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
Type: PAGE | Rank: 0.01018239 | Lang: NA
-
श्रीमदाद्यशंकराचार्य - चरित्र १
श्रीसद्गुरू दासगणु महाराजांची कीर्तनाख्यानें हीं अत्यंत वैशिष्ट्यपूर्ण, रसाळ आणि विविध काव्यगुणांनी संपन्न असून श्राव्य काव्याचा तो एक उत्कृष्ट नमुना आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.00814591 | Lang: NA
-
केशवस्वामी - श्लोक संग्रह ७
केशवस्वामी रामदास पंचायतनातील प्रख्यात साधू असून महानभगवद्भक्त व अंतर्निष्ट आणि मोठे निस्पृह वक्ते होते.
Type: PAGE | Rank: 0.00814591 | Lang: NA
-
पुरुषोत्तमसंहिता - अष्टविंशोध्यायः
पुरुषोत्तम
Type: PAGE | Rank: 0.00814591 | Lang: NA
-
उद्धवहंसाख्यान - जन्म
श्रीमत्सद्गुरूहंसराजस्वामींची शिकवण म्हणजे मोक्षरूपी ध्येय गाठण्याकरितां श्रुति , युक्ति व अनुभूति यांच्या आधाराने साधकांच्या सोयीकरितां तयार करून दिलेली ज्ञानयोगाची सोपानपरंपराच आहे .
Type: PAGE | Rank: 0.00814591 | Lang: NA
-
हरिहर ऐक्य - अभंग ९८९ ते १००७
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
Type: PAGE | Rank: 0.00814591 | Lang: NA